सरकारी योजनाओं की दुनिया में यह पहली बार हुआ है जब पारंपरिक कामगारों को न सिर्फ पहचान दी जा रही है, बल्कि उन्हें दोबारा आत्मनिर्भर बनाने के लिए सीधे आर्थिक मदद भी दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” (PM Vishwakarma Yojana) अब देशभर में लागू हो चुकी है। इस योजना के जरिए ऐसे लोग जो पीढ़ियों से लोहार, बढ़ई, दर्जी, सोनार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री जैसे पारंपरिक पेशों से जुड़े हैं, उन्हें एक बार फिर सम्मान और सशक्तिकरण के रास्ते पर लाया जा रहा है। सरकार इस योजना के तहत उन्हें ₹1 लाख तक का लोन बिना किसी गारंटी के दे रही है। यही नहीं, ₹15,000 की आधुनिक टूलकिट भी बिल्कुल मुफ्त दी जा रही है, जिससे वो अपने पारंपरिक औजारों को अपग्रेड कर सकें और बाजार की नई मांगों के अनुसार खुद को ढाल सकें।
कैसे मिलेगा ₹1 लाख का बिना गारंटी लोन?
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें दिया जा रहा ₹1 लाख का लोन पूरी तरह से गारंटी फ्री है। यानी आपको कोई संपत्ति या दस्तावेज बैंक के पास गिरवी नहीं रखने होंगे। यह लोन दो किस्तों में दिया जाएगा पहली किस्त ₹1 लाख की होती है, जो ट्रेनिंग और वेरिफिकेशन के बाद तुरंत दी जाती है। दूसरी किस्त ₹2 लाख की होगी, जो आगे चलकर तब मिलेगी जब पहली किस्त को समय पर चुकता कर दिया जाएगा और उन्नत ट्रेनिंग ली जा चुकी हो। यह लोन 5% की सालाना ब्याज दर पर मिलता है, जबकि असल में बैंक 13% तक ब्याज वसूलते हैं उसमें से बाकी 8% की भरपाई सरकार खुद करती है। इससे ये सुनिश्चित होता है कि गरीब और सीमित संसाधनों वाले लोग भी आसानी से स्वरोजगार की शुरुआत कर सकें।
₹15,000 की टूलकिट वाउचर बिल्कुल फ्री
जो लोग इस योजना में प्रशिक्षण लेते हैं, उन्हें सरकार की ओर से ₹15,000 रुपए की राशी दी जाती है। यह एक ई-वाउचर के रूप होती है, जिसे नामित दुकानों पर जाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मकसद यही है कि पुराने औजारों की जगह आधुनिक उपकरण मिल सकें और काम की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार हो सके। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस टूलकिट को लेने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह का पैसा नहीं देना पड़ेगा। साथ ही योजना में रजिस्ट्रेशन करने के बाद प्रशिक्षण के दौरान हर दिन ₹500 का भत्ता भी दिया जाता है, ताकि वो अपना खर्च चला सकें और नौकरी की तलाश में न भटकें।
आवेदन प्रक्रिया और जरूरी बातें
अगर आप बढ़ई, लोहार, कुम्हार, सुनार, दर्जी, या किसी भी पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़े हैं, तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और नागरिक सुविधा केंद्र (CSC) के माध्यम से की जाती है। इसके लिए जरूरी है कि आपके पास आधार कार्ड, बैंक खाता, मोबाइल नंबर और काम से संबंधित कोई प्रमाण हो। आवेदन के बाद स्किल वेरिफिकेशन होता है और फिर बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद टूलकिट वाउचर और लोन की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। योजना में यह भी जरूरी है कि आप सरकारी प्रशिक्षण केंद्रों से जुड़ें और स्किल अपग्रेडेशन के लिए 5 से 7 दिन की क्लास अटेंड करें।
योजना का असर और भविष्य की संभावनाएं
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में इस योजना के जरिए 30 लाख से ज्यादा कामगारों को लाभ पहुंचाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार ने ₹13,000 करोड़ का बजट भी मंजूर किया है। आपको बता दें कि पहले कई योजनाएं सिर्फ नाम भर की रह जाती थीं, लेकिन इस योजना की सबसे बड़ी खासियत इसकी ग्राउंड लेवल पर एक्टिविटी है। हर जिले में नोडल एजेंसी नियुक्त की गई है जो प्रशिक्षण, पहचान पत्र, टूलकिट वितरण और लोन प्रक्रिया को संभालती है।
PM Vishwakarma Yojana 2025
अगर आप या आपके परिवार में कोई पारंपरिक काम करता है, तो यह योजना उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। बिना गारंटी के ₹1 लाख का लोन, मुफ्त सामान के ₹15000 का वाउचर और डिजिटल ट्रेनिंग सुविधाएं देकर आत्मनिर्भर बना रही हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई PM Vishwakarma Yojana न सिर्फ रोजगार का साधन है, बल्कि यह एक बड़ा सामाजिक और आर्थिक बदलाव भी है।