PM Fasal Bima Yojana: बारिश कम हो या अचानक तूफान आ जाए, खेत में खड़ी मेहनत की कमाई को बचा पाना आज के दौर में किसान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। कई बार सारी फसल एक ही दिन में बर्बाद हो जाती है और नुकसान इतना ज्यादा होता है कि उबरने में सालों लग जाते हैं। ऐसे में सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) फिर से सक्रिय रूप से शुरू कर दी है, जिसके तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा या किसी भी वजह से फसल खराब होने पर ₹50,000 तक का मुआवजा भी मिल सकता है। आपको जानकर जिज्ञासा होगी कि ये मुआवजा हर किसान को नहीं, बल्कि उसी को मिलता है जिसकी फसल का नुकसान सही सर्वे के तहत दर्ज किया जाता है।
PM Fasal Bima Yojana मुआवजा कितना और कैसे मिलेगा?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को ₹50,000 तक की मुआवजा राशि मिलने की संभावना इसलिए बनती है क्योंकि बीमा की गणना उस क्षेत्र की घोषित उपज और असली उपज के आधार पर होती है। मान लीजिए किसी किसान की जमीन पर 1 हेक्टेयर धान की फसल थी, लेकिन बारिश या कीट की वजह से पूरी बर्बाद हो गई। सरकार इस नुकसान का मूल्य निर्धारित करती है और उसी के अनुसार बीमा कंपनी की ओर से भुगतान किया जाता है। इस योजना में कोई फिक्स अमाउंट नहीं है कि हर किसी को ₹50,000 मिलेंगे, लेकिन कुछ सालों पहले मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसानों को ₹40,000 से ₹50,000 तक का मुआवजा प्राप्त हुआ है। पीएम फसल बीमा की राशी परिस्थीती और आंकलन पर निर्भर होती है।
आवेदन की प्रक्रिया और जरूरी शर्तें
Fasal Bima योजना के तहत प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन के लिए pmfby.gov.in वेबसाइट पर जाकर किसान “गेस्ट फार्मर” विकल्प के ज़रिए खुद का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए अपने क्षेत्र के CSC सेंटर, बैंक या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खेत का खसरा नंबर और फसल से संबंधित जानकारी देनी होती है। एक और जरूरी बात ये है कि आधार e-KYC अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपने आधार का सत्यापन नहीं करवाया है तो योजना के तहत आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
अंतिम तिथि
खरीफ़ सीजन 2025 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन की अंतिम तारीख 31 जुलाई रखी गई है। अगर किसान इस तारीख तक आवेदन नहीं करते हैं, तो फिर उन्हें मुआवजा पाने का अधिकार नहीं मिल पाएगा, भले ही उनका नुकसान हो जाए। पहले कई किसानों की शिकायत रही है कि समय पर सूचना नहीं मिलने के कारण वो आवेदन नहीं कर पाए और फिर जब फसल खराब हुई तो कोई बीमा राशि नहीं मिली। इस बार सरकार ने व्यापक स्तर पर प्रचार किया है और पोर्टल पर भी हर राज्य के अपडेट्स दिए जा रहे हैं।
पैसे कैसे मिलते हैं और कब तक?
अब सवाल आता है कि क्लेम पास होने के बाद पैसा कितने दिनों में आता है? तो इसका जवाब थोड़ा तकनीकी है। बीमा कंपनी पहले सरकार से प्रीमियम का हिस्सा लेती है, फिर फसल नुकसान का सर्वे होता है और उसके बाद लगभग 15 दिनों में भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाती है। लेकिन सच्चाई ये है कि कई बार ये प्रक्रिया लंबी हो जाती है – क्योंकि सर्वे रिपोर्ट देरी से आती है या सरकारी सब्सिडी में देर हो जाती है। इसके बावजूद अगर किसान का क्लेम सही पाया गया, तो उसे सीधे बैंक खाते में भुगतान किया जाता है।
कुछ किसानों को पहले भी मिला है बड़ा मुआवजा
पिछले साल राजस्थान के कोटा जिले में एक किसान को बारिश के कारण मूंगफली की फसल में नुकसान हुआ था। सरकार के सर्वे के अनुसार उसकी फसल का पूरा 90% हिस्सा बर्बाद हो चुका था। किसान ने समय पर बीमा योजना में आवेदन किया था, आधार eKYC भी करवाया हुआ था। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उसे ₹47,600 की बीमा राशि सीधे बैंक खाते में मिली थी। ऐसा ही एक मामला विदिशा (मध्यप्रदेश) से भी सामने आया था जहां दो भाइयों को कुल ₹92,000 का मुआवजा मिला।
आखिर में किसानों के लिए सलाह
अगर आप किसान हैं और खरीफ़ सीजन में धान, मक्का, बाजरा या अन्य फसलें उगा रहे हैं, तो एक छोटी सी प्रीमियम राशि देकर आप इस बीमा योजना में शामिल हो सकते हैं। याद रखें – प्रीमियम खरीफ के लिए सिर्फ 2% है, यानि अगर आपकी फसल ₹50,000 की है तो आप सिर्फ ₹1,000 तक का प्रीमियम देकर ₹50,000 तक की सुरक्षा ले सकते हैं। ये फ़सल बीमा ऐसा कवच है जो सिर्फ संकट के समय काम आता है बाकि आपका निर्णय।